Buyback और Bonus Shares क्या होते हैं?
सोचिए, आप किसी कंपनी के शेयर में इन्वेस्ट कर रहे हैं और अचानक आपको खबर मिलती है कंपनी Buyback या Bonus Shares देने वाली है!🤔
अब इस खबर को सुनते ही दिमाग में सबसे पहला सवाल आता है ये Buyback और Bonus Shares आखिर होते क्या हैं और इससे हमें क्या फायदा मिलेगा? दरअसल, जब कोई कंपनी अच्छा प्रदर्शन करती है या अपने निवेशकों (Investors) को खुश करना चाहती है, तो वह दो तरीके अपनाती है या तो अपने शेयर बाजार से वापस खरीद लेती है जिसे Buyback कहते हैं, या फिर अपने निवेशकों को बिना पैसे लिए अतिरिक्त शेयर (Bonus Shares) दे देती है।
सुनने में दोनों ही फायदेमंद लगते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि इन दोनों का असर आपके निवेश (Investment) पर अलग-अलग होता है? तो चलिए, इस आर्टिकल में आसान भाषा में समझते हैं कि Buyback और Bonus Shares क्या होते हैं, इनमें क्या फर्क है, और आपके लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद साबित हो सकता है। क्योंकि सही जानकारी ही आपको सही निवेश का रास्ता दिखाती है!
Buyback क्या होता है?
मान लीजिए आपने किसी कंपनी के 100 शेयर खरीदे हैं और उस कंपनी का बिजनेस बहुत अच्छा चल रहा है। अब कंपनी के पास खूब सारा मुनाफा (Profit) है और वो चाहती है कि अपने निवेशकों (Investors) को खुश करे या अपने शेयर की कीमत को बढ़ाए। ऐसे में कंपनी एक फैसला लेती है वो अपने ही शेयर बाजार से वापस खरीद लेगी! इसे ही हम आसान भाषा में Buyback of Shares कहते हैं।
अब आप सोच रहे होंगे — कंपनी ऐसा क्यों करती है? इसका सबसे बड़ा कारण ये होता है कि जब कंपनी अपने शेयर वापस खरीदती है, तो मार्केट में उस शेयर की Supply कम हो जाती है और Demand बढ़ जाती है। जब ऐसा होता है, तो आमतौर पर शेयर की कीमत बढ़ने लगती है। मतलब, अगर आपने पहले से उस कंपनी के शेयर खरीद रखे हैं, तो आपको उसका सीधा फायदा हो सकता है।
इसके अलावा, Buyback का दूसरा बड़ा फायदा यह होता है कि कंपनी अपने पास पड़ा हुआ Extra Cash सही तरीके से इस्तेमाल कर लेती है। मान लीजिए कंपनी के पास बहुत ज्यादा पैसा पड़ा है और उसे नहीं पता कि उसे कहाँ इन्वेस्ट किया जाए, तो वो अपना पैसा वापस अपने ही शेयर खरीदने में लगा देती है। इससे दो फायदे होते हैं
- शेयर की कीमत बढ़ने लगती है।
- शेयरहोल्डर्स (Investors) को फायदा होता है।
कुछ कंपनियाँ Buyback इसलिए भी करती हैं ताकि अपने Promoters (कंपनी के मालिक या बड़े इन्वेस्टर्स) की हिस्सेदारी बढ़ा सकें। जब कंपनी शेयर वापस खरीदती है, तो बाजार में शेयर कम हो जाते हैं और बची हुई हिस्सेदारी अपने आप Promoters के पास चली जाती है।
तो कुल मिलाकर, Buyback एक ऐसा तरीका है जिससे कंपनी अपने ही शेयर वापस खरीदकर निवेशकों को फायदा पहुंचाने की कोशिश करती है। लेकिन यहाँ एक बात समझना जरूरी है जब कंपनी Buyback करती है, तो यह जरूरी नहीं कि हर बार शेयर की कीमत बढ़े। कई बार कीमतें कम भी हो सकती हैं, लेकिन ज्यादातर मामलों में Investors को फायदा मिलने की संभावना ज्यादा होती है।
अब अगली बार जब आपको खबर मिले कि "XYZ कंपनी Buyback करने वाली है", तो आप समझ जाएँगे कि इसका मतलब क्या है और इससे आपको क्या फायदा हो सकता है।
Bonus Shares क्या होते हैं?
अब ज़रा ये सोचिए — आपने किसी कंपनी के 100 शेयर खरीद रखे हैं और उस कंपनी का बिजनेस जबरदस्त तरीके से ग्रो कर रहा है। कंपनी लगातार अच्छा मुनाफा कमा रही है और उसकी कमाई दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है। अब कंपनी के पास काफी ज्यादा पैसा (Profit) Collect हो गया है। ऐसे में कंपनी सोचेगी कि "क्यों न अपने निवेशकों (Investors) को कुछ Extra फायदा दिया जाए?" लेकिन ये फायदा कैश में देने के बजाय कंपनी एक और तरीका अपनाती है Bonus Shares देना।
अब आप सोच रहे होंगे Bonus Shares होते क्या हैं?
तो आसान भाषा में समझिए, Bonus Shares का मतलब है फ्री के शेयर! जी हां, बिल्कुल सही पढ़ा आपने।
जब कोई कंपनी अच्छा Profit कमाती है और निवेशकों को Reward देना चाहती है, तो वो उन्हें बिना किसी Extra Payment के Free में अतिरिक्त शेयर देती है। इसे ही Bonus Shares कहा जाता है।
उदाहरण के लिए मान लीजिए आपके पास 100 शेयर हैं और कंपनी ने 1:1 Bonus Issue की घोषणा कर दी। इसका मतलब यह हुआ कि अब कंपनी आपको 100 के बदले 100 और फ्री में Bonus Shares दे देगी। यानी आपके कुल शेयर हो जाएंगे 200 और इसके लिए आपको एक पैसा भी नहीं देना पड़ेगा!
तो कंपनी Bonus Shares क्यों देती है?
👉 पहला कारण — कंपनी अपने निवेशकों को खुश करना चाहती है।
👉 दूसरा कारण — कंपनी चाहती है कि ज्यादा से ज्यादा लोग उसके शेयर में निवेश करें।
👉 तीसरा कारण — कंपनी के Market Capitalization को बढ़ाने का तरीका भी हो सकता है।
अब यहाँ एक सवाल आता है क्या Bonus Shares से मेरी संपत्ति (Wealth) बढ़ती है?
तो इसका जवाब है ना तो तुरंत बढ़ती है और ना घटती है। क्योंकि Bonus Shares देने के बाद कंपनी के Total Shares बढ़ जाते हैं और Share Price खुद-ब-खुद Adjust हो जाती है। लेकिन लॉन्ग टर्म में आपके पास ज्यादा शेयर होने से मुनाफा होने की संभावना बढ़ जाती है।
तो अगली बार जब आपको खबर मिले कि "XYZ कंपनी Bonus Shares देने वाली है", तो समझ जाइए कि आपको फ्री के शेयर मिलने वाले हैं। अब चाहे शेयर की कीमत थोड़ी कम हो जाए, लेकिन लॉन्ग टर्म में फायदा होने के पूरे चांस रहते हैं।
कहने का मतलब Bonus Shares मतलब शेयरों पर बोनस। बिना एक पैसा दिए आपको Extra Shares मिल जाते हैं। और लॉन्ग टर्म में ये आपके लिए एक बड़ा फायदा साबित हो सकता है।
तो अब अगर कोई आपसे पूछे कि Bonus Shares क्या होते हैं?, तो आप पूरे कॉन्फिडेंस के साथ बता सकते हैं
"ये फ्री के शेयर होते हैं, भाई!"
Buyback और Bonus Shares में क्या अंतर है?
अब जरा ये सोचिए आप किसी कंपनी के शेयर खरीदकर बैठे हैं और आपको दो खबरें मिलती हैं:
पहली खबर कंपनी Buyback करने वाली है। दूसरी खबर कंपनी Bonus Shares देने वाली है।
अब आपके दिमाग में सबसे बड़ा सवाल आएगा — "इन दोनों में फर्क क्या है?" और "मेरे लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद होगा?"
तो चलिए इसे एकदम आसान और सीधी भाषा में समझते हैं।
अंतर का आधार | Buyback (बायबैक) | Bonus Shares (बोनस शेयर) |
---|---|---|
मतलब (Meaning) | जब कंपनी अपने ही शेयर को बाजार से वापस खरीदती है, तो उसे Buyback कहते हैं। | जब कंपनी अपने निवेशकों को बिना किसी Extra Payment के Free में अतिरिक्त शेयर देती है, तो उसे Bonus Shares कहते हैं। |
क्यों किया जाता है? | कंपनी शेयर की Supply को कम करने, शेयर प्राइस बढ़ाने या Promoter की हिस्सेदारी मजबूत करने के लिए Buyback करती है। | कंपनी अपने मुनाफे का एक हिस्सा निवेशकों को Reward देने के लिए Bonus Shares जारी करती है। |
Investor को क्या मिलता है? | Investor को Cash में Payment मिलती है क्योंकि कंपनी शेयर वापस खरीद रही होती है। | Investor को बिना कोई पैसा दिए Free में Extra Shares मिलते हैं। |
शेयर की Supply पर असर | Buyback के बाद Market में शेयर की Supply कम हो जाती है। | Bonus Shares के बाद Market में शेयर की Supply बढ़ जाती है। |
शेयर की कीमत पर असर | आमतौर पर Buyback के बाद शेयर की कीमत बढ़ने लगती है क्योंकि Market में Supply कम हो जाती है। | Bonus Shares के बाद शेयर की कीमत घट जाती है क्योंकि कुल शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। |
कंपनी के लिए फायदा | कंपनी के पास पड़ा हुआ Extra Cash सही तरीके से इस्तेमाल होता है और Promoter की हिस्सेदारी बढ़ती है। | कंपनी के मुनाफे का फायदा सीधे Investors तक पहुँचाया जाता है। |
निवेशकों के लिए फायदा | Investor को Cash Profit मिलता है या उनके पास बचे हुए शेयर की कीमत बढ़ने का फायदा होता है। | Investor के पास बिना पैसे दिए Extra Shares हो जाते हैं, जिससे Long Term में मुनाफे के चांस बढ़ जाते हैं। |
टैक्स (Tax) | Buyback पर Tax देना पड़ता है, खासकर अगर कंपनी के शेयर बेचकर Profit होता है। | Bonus Shares पर कोई Direct Tax नहीं लगता, लेकिन बेचने पर Capital Gain Tax लग सकता है। |
प्रभाव (Impact) | कंपनी के शेयर कम होने से Future में Price बढ़ने की संभावना रहती है। | शेयरों की संख्या बढ़ने से Price कम हो सकती है, लेकिन Long Term में फायदा हो सकता है। |
कब फायदेमंद होता है? | जब आपको तुरंत Cash चाहिए हो या आप Long Term में Price बढ़ने का फायदा लेना चाहते हैं। | जब आप Long Term Investor हैं और ज्यादा शेयर रखने में दिलचस्पी रखते हैं। |
Investors के लिए कौन सा ज्यादा फायदेमंद होता है?
अब सवाल ये आता है Buyback और Bonus Shares में से आपको ज्यादा फायदा किसमें होगा?
तो इसका जवाब पूरी तरह से आपकी Investment Strategy और Financial Goal पर निर्भर करता है। चलिए इसे आसान भाषा में समझते हैं।
अगर आपकी सोच Short Term Profit (कम समय में मुनाफा) कमाने की है, तो Buyback आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। क्यों? क्योंकि जब कंपनी Buyback करती है, तो वह अपने ही शेयर बाजार से वापस खरीदती है। इससे मार्केट में शेयरों की Supply कम हो जाती है और Demand बढ़ जाती है। नतीजा शेयर की कीमत बढ़ने के चांस ज्यादा होते हैं।
इसके अलावा, कई कंपनियाँ Buyback के दौरान अच्छी खासी प्रीमियम कीमत (Premium Price) ऑफर करती हैं, जिससे Investors को तुरंत मुनाफा हो सकता है। खासकर अगर आपको Cash की जरूरत हो, तो Buyback आपके लिए एक बढ़िया ऑप्शन साबित हो सकता है।
अब बात करते हैं Bonus Shares की। अगर आपकी सोच Long Term Wealth Creation (लंबे समय में संपत्ति बनाना) है, तो Bonus Shares आपके लिए ज्यादा फायदेमंद हो सकते हैं। क्योंकि Bonus Shares मिलने के बाद भले ही शेयर की कीमत थोड़ी कम हो जाए, लेकिन आपके पास शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाती है। अब मान लीजिए भविष्य में कंपनी का बिजनेस बहुत तेजी से बढ़ता है, तो आपकी संपत्ति (Wealth) तेजी से बढ़ेगी। मतलब कमाई ज्यादा, निवेश वही!
तो आसान भाषा में समझिए अगर आपको Short Term में मुनाफा चाहिए या Cash की जरूरत है, तो Buyback बेहतर है। अगर आप Long Term Investor हैं और Future में बड़ा मुनाफा कमाना चाहते हैं, तो Bonus Shares ज्यादा फायदेमंद हैं।
लेकिन यहाँ एक स्मार्ट तरीका ये हो सकता है कि अगर कोई कंपनी Bonus Shares देने के बाद लगातार Grow कर रही है, तो उसे होल्ड करें और धैर्य रखें। वहीं अगर कंपनी Buyback ऑफर कर रही है और प्रीमियम कीमत मिल रही है, तो थोड़ा Profit Book करना गलत नहीं है।
तो अब अगली बार जब आपको खबर मिले कि कंपनी Buyback या Bonus Shares देने वाली है, तो आप Confident होकर समझ पाएंगे कि
👉 Short Term Profit चाहिए = Buyback बेहतर।
👉 Long Term Wealth चाहिए = Bonus Shares बेहतर।
और यही सही निवेशक बनने की सबसे बड़ी समझदारी है!
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क्या Retail Investors को Buyback और Bonus Shares के Announcement पर Action लेना चाहिए?
अब मान लीजिए आपको खबर मिलती है कि XYZ कंपनी Buyback या Bonus Shares का Announcement करने वाली है। सबसे पहला सवाल आपके दिमाग में आएगा "क्या मुझे कुछ Action लेना चाहिए या बस चुपचाप बैठे रहना चाहिए?"
तो आइए इसे एकदम आसान भाषा में समझते हैं।
- अगर कंपनी Buyback का Announcement करती है:
Buyback के समय कंपनी खुद अपने ही शेयर बाजार से वापस खरीदती है। इसका मतलब यह हुआ कि कंपनी के पास अच्छा मुनाफा (Profit) है और वो अपने निवेशकों को फायदा देना चाहती है। अब यहाँ आपको दो चीजों पर ध्यान देना है:
- क्या कंपनी ज्यादा Premium Price ऑफर कर रही है? अगर कंपनी बाजार मूल्य से काफी ज्यादा कीमत पर Buyback कर रही है, तो आप चाहें तो अपने कुछ शेयर बेचकर तुरंत Profit कमा सकते हैं
- क्या कंपनी Fundamentally Strong है? अगर कंपनी की Financial Condition बहुत मजबूत है और आप Long Term Investor हैं, तो अपने शेयर होल्ड करना ज्यादा फायदेमंद हो सकता है। क्योंकि Buyback के बाद शेयर की Supply कम हो जाती है और भविष्य में उसकी कीमत बढ़ने के ज्यादा चांस होते हैं।
इसलिए, अगर Buyback अच्छा Premium ऑफर कर रहा हो और आपको Short Term में मुनाफा चाहिए, तो कुछ शेयर बेच देना अच्छा हो सकता है। लेकिन अगर आप Long Term Wealth बनाने आए हैं और कंपनी बहुत Strong है, तो Hold करना ही समझदारी है।
- अगर कंपनी Bonus Shares का Announcement करती है:
अब अगर कंपनी ने Bonus Shares देने का ऐलान किया है, तो आपको बिल्कुल भी Panic करने की जरूरत नहीं है। Bonus Shares का मतलब होता है बिना किसी Extra Payment के फ्री में अतिरिक्त शेयर।
लेकिन यहाँ ध्यान देने वाली बात यह है कि Bonus Shares के बाद शेयर की कीमत घट सकती है, क्योंकि शेयरों की संख्या बढ़ जाती है। लेकिन अगर कंपनी अच्छी है और लगातार ग्रोथ कर रही है, तो Long Term में आपका Profit कई गुना हो सकता है।
इसलिए, Bonus Shares के Announcement पर सबसे Best Strategy यह है कि अगर कंपनी मजबूत है और ग्रोथ कर रही है, तो Shares Hold करें। अगर आपको Short Term में Profit चाहिए, तो Bonus Shares मिलने के बाद शेयर बेचने पर भी मुनाफा हो सकता है।
- अब Smart Investor की तरह सोचना सीखिए:
👉 अगर कंपनी Buyback ऑफर कर रही है और Premium अच्छा है तो तुरंत मुनाफा कमाने के लिए Action लें।
👉 अगर कंपनी Bonus Shares दे रही है और उसका Future अच्छा दिख रहा है तो Hold करके धैर्य रखें, Future में बड़ा मुनाफा हो सकता है।
👉 लेकिन हर बार बिना सोचे-समझे Action लेना गलत हो सकता है। सबसे पहले कंपनी की Financial Strength और भविष्य के Growth Potential को समझना जरूरी है।
- आसान भाषा में Bottom Line:
Short Term Profit चाहिए? → Buyback के दौरान कुछ Shares बेच सकते हैं। Long Term Wealth बनानी है? → Bonus Shares मिलने के बाद Hold करना ज्यादा फायदेमंद होगा लेकिन दोनों ही Cases में कंपनी की Financial Strength को जरूर Analyze करें।
याद रखिए Stock Market में धैर्य ही सबसे बड़ा Profit है। इसलिए बिना सोचे-समझे Action न लें, हमेशा समझदारी से फैसला करें।
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निष्कर्ष:
अब जब आपने Buyback और Bonus Shares के बारे में सब कुछ जान लिया, तो सवाल यही आता है — "आखिर मेरे लिए सही क्या है?"
अगर आपको Short Term Profit चाहिए या कंपनी Buyback में अच्छा Premium Offer कर रही है, तो आप Buyback के दौरान कुछ शेयर बेचकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन अगर आपका मकसद Long Term Wealth Creation है और कंपनी मजबूत है, तो Bonus Shares को होल्ड करना आपके लिए फायदेमंद हो सकता है।
स्मार्ट तरीका यही है कंपनी की Financial Strength को Analyze करें और अपनी जरूरत के हिसाब से Action लें। यही असली Smart Investor बनने का राज है!
FAQ
क्या Buyback के समय मुझे अपने Shares बेच देने चाहिए या Hold करना चाहिए?
अगर कंपनी Buyback के दौरान आपको बाजार भाव से ज्यादा कीमत (Premium Price) ऑफर कर रही है और आपको Short Term में मुनाफा चाहिए, तो आप अपने कुछ शेयर बेच सकते हैं। लेकिन अगर कंपनी मजबूत है और आप Long Term Investor हैं, तो शेयर होल्ड करना बेहतर हो सकता है क्योंकि भविष्य में इसकी कीमत बढ़ने के चांस ज्यादा होते हैं।
Bonus Shares मिलने के बाद Share Price क्यों गिर जाती है और क्या ये नुकसान है?
जब कंपनी Bonus Shares देती है, तो आपके शेयरों की संख्या बढ़ जाती है लेकिन कंपनी की कुल वैल्यू (Market Cap) वही रहती है। इसी वजह से Share Price अपने आप घट जाती है। लेकिन यह कोई नुकसान नहीं है, क्योंकि आपके कुल निवेश की कीमत वही रहती है और लंबे समय में ग्रोथ होने पर मुनाफा भी बढ़ सकता है।
क्या Buyback और Bonus Shares के Announcement से Stock Price पर असर पड़ता है?
हाँ, बिल्कुल असर पड़ता है! जब कंपनी Buyback का ऐलान करती है, तो शेयर की Supply कम होने के कारण Share Price बढ़ने के चांस ज्यादा होते हैं। वहीं, Bonus Shares के ऐलान के बाद शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, जिससे Price थोड़ी घट सकती है, लेकिन लंबे समय में फायदा मिल सकता है।
Retail Investors के लिए Buyback ज्यादा फायदेमंद होता है या Bonus Shares?
यह आपकी Investment Strategy पर निर्भर करता है। अगर आपको Short Term में Profit चाहिए और कंपनी Buyback के दौरान Premium Price ऑफर कर रही है, तो Shares बेचकर मुनाफा कमा सकते हैं। लेकिन अगर आप Long Term Wealth बनाना चाहते हैं, तो Bonus Shares ज्यादा फायदेमंद हो सकते हैं क्योंकि इससे Future में बड़ा Profit मिल सकता है।
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