Portfolio Diversification: पैसे डूबने का डर खत्म!😨 जानिए असली तरीका।

 सोचिए अगर आपने अपनी पूरी जमा-पूंजी सिर्फ एक ही जगह इन्वेस्ट कर दी हो और अचानक वहां नुकसान होने लगे, तो क्या होगा? 😰

आपका पूरा पैसा डूबने का खतरा रहेगा। 

अब दूसरी तरफ सोचिए, अगर आपने अपने पैसे को अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट किया होता — जैसे कि शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, रियल एस्टेट, और फिक्स्ड डिपॉजिट — तो क्या होता?
अगर एक जगह नुकसान होता भी, तो दूसरी जगह से फायदा मिल सकता था।

 

Portfolio Diversification

यही तो है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का असली जादू। 💹

लेकिन सवाल ये है कि 

💭 पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्या होता है?
💭 क्यों हर इन्वेस्टर के लिए ये सबसे जरूरी चीज है?
💭 और कैसे आप अपने पोर्टफोलियो को सही तरीके से डायवर्सिफाई कर सकते हैं?

इस ब्लॉग में मैं आपको पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन के महत्व के बारे में विस्तार से बताऊंगा, ताकि आप भी अपने इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित और फायदे वाला बना सकें। 

 

    तो चलिए, बिना समय गंवाए समझते हैं कि —
    👉 पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्या है और यह क्यों जरूरी है।

    1. पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्या है और क्यों जरूरी है?

    सोचिए, अगर आपके पास 10 लाख रुपये हैं और आपने पूरा पैसा सिर्फ शेयर मार्केट (Stock Market) में लगा दिया। अब अचानक बाजार गिर गया, तो क्या होगा? 😨

    बिल्कुल सही! आपका पूरा पैसा डूबने का खतरा रहेगा और आप बहुत बड़ा नुकसान झेल सकते हैं। 

    लेकिन अगर आपने अपने पैसे को अलग-अलग जगहों (Assets) में इन्वेस्ट किया होता  जैसे कि कुछ पैसा शेयर मार्केट, कुछ म्यूचुअल फंड्स, थोड़ा गोल्ड, थोड़ा रियल एस्टेट और कुछ Fixed Deposits (FD) 

    तो क्या होगा? 🤔

    अगर एक इन्वेस्टमेंट में नुकसान होता भी, तो दूसरी इन्वेस्टमेंट से फायदा मिल सकता है और आपका पैसा सुरक्षित रहेगा। 

    यही होता है पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (Portfolio Diversification)
    आसान भाषा में कहें, तो अपने पैसे को एक ही टोकरी में ना रखें।
    बल्कि अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट करें ताकि अगर एक जगह नुकसान हो, तो दूसरी जगह से फायदा मिल सके। 

    डायवर्सिफिकेशन का सबसे बड़ा फायदा यह होता है कि —

    • आपका रिस्क कम हो जाता है।
    • आपको स्टेबल और बैलेंस रिटर्न मिलता है।
    • और सबसे बड़ी बात, आपको मानसिक शांति मिलती है क्योंकि आपका पूरा पैसा एक जगह फंसा नहीं होता। 

    तो अगर आप चाहते हैं कि आपका पैसा सुरक्षित रहे और आपको अच्छा रिटर्न भी मिले, तो पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन को अपनाना बहुत जरूरी है। 
    क्योंकि, आखिर में पैसा कमाने से ज्यादा जरूरी है  पैसा बचाना और सुरक्षित रखना!

    2. डायवर्सिफिकेशन के फायदे (Benefits of Portfolio Diversification)

    सोचिए अगर आप अपनी पूरी जमा-पूंजी सिर्फ एक ही जगह इन्वेस्ट कर देते हैं, जैसे कि सिर्फ शेयर मार्केट (Stock Market) में। अब मान लीजिए कि बाजार अचानक गिर गया, तो क्या होगा? 😨
    आपका पूरा पैसा डूबने का खतरा रहेगा और आपको बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है। 

    लेकिन, अगर आपने पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन अपनाया होता, यानी अपने पैसे को अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट किया होता  जैसे कि शेयर मार्केट, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, रियल एस्टेट, क्रिप्टोकरेंसी और Fixed Deposit (FD)  तो क्या होता? 
    अगर एक जगह नुकसान होता भी, तो दूसरी जगह से फायदा मिलता और आपका पैसा सुरक्षित बना रहता। 

    यही तो है डायवर्सिफिकेशन का सबसे बड़ा फायदा  रिस्क को कम करना और रिटर्न को बैलेंस करना। 

    अब चलिए डायवर्सिफिकेशन के कुछ बड़े फायदों को आसान भाषा में समझते हैं:

    1. रिस्क कम होता है (Risk Reduction):
      जब आप अपना पैसा अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट करते हैं, तो किसी एक इन्वेस्टमेंट में नुकसान होने पर दूसरी इन्वेस्टमेंट से बैलेंस बन जाता है। इससे आपका कुल नुकसान कम हो जाता है।

    2. स्टेबल रिटर्न मिलता है (Stable Returns):
      डायवर्सिफिकेशन करने से आपके पोर्टफोलियो का रिटर्न बैलेंस बना रहता है। यानी एक जगह नुकसान हो भी जाए, तो दूसरी जगह से फायदा मिलता रहेगा।

    3. मानसिक शांति मिलती है (Peace of Mind):
      जब आप जानते हैं कि आपका पैसा अलग-अलग जगहों पर इन्वेस्ट है, तो आपको हर दिन मार्केट के उतार-चढ़ाव से डर नहीं लगेगा। क्योंकि आपको भरोसा होगा कि अगर एक जगह नुकसान हुआ तो दूसरी जगह फायदा मिल सकता है।

    4. लॉन्ग टर्म ग्रोथ (Long-Term Growth):
      डायवर्सिफिकेशन का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह आपको लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न देता है। क्योंकि जब एक एसेट डाउन होता है, तो दूसरा ग्रो करता है। इससे आपका पैसा समय के साथ ग्रो करता है।

    3. कैसे करें पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन? (How to Diversify Your Portfolio?)

    अब तक आपने समझ लिया कि पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (Portfolio Diversification) क्यों जरूरी है। लेकिन अब सवाल ये है कि — इसे सही तरीके से कैसे करें? 🤔

    मान लीजिए आपके पास 10 लाख रुपये हैं और आप इसे इन्वेस्ट करना चाहते हैं।
    अगर आप पूरा पैसा सिर्फ शेयर मार्केट (Stock Market) में लगा देंगे, तो रिस्क बहुत ज्यादा रहेगा।
    लेकिन अगर आप समझदारी से अपना पैसा अलग-अलग एसेट्स (Assets) में बांट देंगे, तो आपका पैसा ज्यादा सुरक्षित रहेगा और आपको बेहतर रिटर्न मिलेगा। 

    👉 तो चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि कैसे करें सही पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन:

    1. अलग-अलग एसेट क्लास में इन्वेस्ट करें (Invest in Different Asset Classes)

    सबसे पहले आपको अपना पैसा सिर्फ एक ही जगह (जैसे शेयर मार्केट) में लगाने के बजाय, अलग-अलग एसेट क्लास में इन्वेस्ट करना चाहिए।
    जैसे:

    शेयर मार्केट (Stock Market): लंबी अवधि के लिए अच्छा रिटर्न देता है। 📈
    म्यूचुअल फंड (Mutual Funds): एक्सपर्ट के द्वारा मैनेज किए जाते हैं, रिस्क कम रहता है। 💰
    गोल्ड (Gold): अनिश्चितता के समय गोल्ड हमेशा सुरक्षित होता है। 🪙
    रियल एस्टेट (Real Estate): लंबी अवधि में प्रॉपर्टी की कीमतें बढ़ती हैं। 🏠
    Fixed Deposit (FD): एकदम सुरक्षित रिटर्न के लिए। 💸

    जब आप अपना पैसा इन अलग-अलग एसेट क्लास में इन्वेस्ट करते हैं, तो रिस्क कम होता है और रिटर्न बैलेंस बना रहता है। 


    2. अपनी उम्र और गोल्स के हिसाब से इन्वेस्ट करें (Invest According to Your Age & Goals)

    अगर आपकी उम्र 20 से 35 साल के बीच है, तो आप थोड़ा ज्यादा रिस्क ले सकते हैं और ज्यादा शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट कर सकते हैं।
    लेकिन अगर आप 40 या 50 साल के हैं, तो आपको Fixed Deposits, Gold और Real Estate जैसी सुरक्षित इन्वेस्टमेंट ज्यादा करनी चाहिए।

    👉 मतलब ये कि 

    • जवानी में ज्यादा रिटर्न पर फोकस करें। 
    • बुजुर्गी में ज्यादा सुरक्षा पर फोकस करें। 

    3. कभी भी पूरा पैसा एक जगह मत लगाएं (Never Put All Your Money in One Place)

    एक बहुत पुरानी कहावत है 

    🐥 “अपने सारे अंडे एक ही टोकरी में मत रखें।”

    इसका मतलब है कि 
    अगर आपने पूरा पैसा सिर्फ शेयर मार्केट में लगाया और बाजार गिर गया, तो बहुत बड़ा नुकसान हो सकता है।
    लेकिन अगर आपने पैसा शेयर मार्केट + म्यूचुअल फंड + गोल्ड + FD + रियल एस्टेट में बांटा, तो एक जगह नुकसान होने पर दूसरी जगह से फायदा मिल सकता है। 


    4. हर साल अपना पोर्टफोलियो रिव्यू करें (Review Your Portfolio Annually)

    एक बार आपने पैसा इन्वेस्ट कर दिया, इसका मतलब ये नहीं कि अब भूल जाएं।
    हर साल अपने इन्वेस्टमेंट को रिव्यू करें और देखें कि कहां फायदा हो रहा है और कहां नुकसान।
    अगर कहीं ज्यादा नुकसान हो रहा है, तो उस पैसे को दूसरी जगह शिफ्ट कर दें।

        स्मार्ट इन्वेस्टर हमेशा अपने पोर्टफोलियो पर नजर रखते हैं।

    4. डायवर्सिफिकेशन करने में क्या गलतियां ना करें? (Mistakes to Avoid in Portfolio Diversification)

    अब जब आपने समझ लिया कि पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (Portfolio Diversification) कितना जरूरी है, तो एक बात और समझना बहुत जरूरी है 
    👉 डायवर्सिफिकेशन सही तरीके से करें, गलत तरीके से नहीं। 😎

    क्योंकि अगर आप गलत तरीके से पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन करते हैं, तो ना सिर्फ आपको कम रिटर्न मिलेगा, बल्कि आपका पैसा भी डूब सकता है। 💸

    तो चलिए आसान भाषा में समझते हैं कि पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन करते समय कौन-कौन सी गलतियां नहीं करनी चाहिए:


    1. ❌ बहुत ज्यादा डायवर्सिफिकेशन करना (Over Diversification)

    कई लोग सोचते हैं कि "जितना ज्यादा डायवर्सिफिकेशन करूंगा, उतना ज्यादा फायदा मिलेगा।"
    लेकिन यह गलतफहमी है। 🤦‍♂️

    अगर आप 20-30 जगहों पर इन्वेस्टमेंट करने लगेंगे, तो:

    • आपको हर जगह से बहुत कम रिटर्न मिलेगा।
    • ट्रैक करना मुश्किल हो जाएगा कि कौन-सा इन्वेस्टमेंट अच्छा कर रहा है और कौन खराब।
    • और अंत में आप उलझन में फंस जाएंगे।

    ✅ सही तरीका यह है कि 5-7 अच्छे एसेट क्लास में इन्वेस्ट करें, जिससे रिस्क कम और रिटर्न ज्यादा हो सके।


    2. ❌ सिर्फ एक ही सेक्टर या इंडस्ट्री में इन्वेस्ट करना (Investing in One Sector)

    मान लीजिए आपने पूरा पैसा सिर्फ शेयर मार्केट के IT सेक्टर (जैसे: TCS, Infosys, Wipro) में लगा दिया।
    अब अगर IT सेक्टर में मंदी आई, तो पूरा पैसा डूब सकता है। 

     यही गलती से बचने के लिए आपको अलग-अलग सेक्टर (IT, Pharma, Banking, Real Estate) और अलग-अलग एसेट क्लास (Stocks, Gold, Mutual Funds, Real Estate) में इन्वेस्ट करना चाहिए। ✅


    3. ❌ बिना रिसर्च के इन्वेस्ट करना (Investing Without Research)

    कई लोग दोस्त-यार या सोशल मीडिया से सुनकर इन्वेस्ट करना शुरू कर देते हैं 
    "भाई, क्रिप्टो ले ले! बहुत मुनाफा देगा।"
    "अरे गोल्ड मत ले, स्टॉक्स ले।"

    ये बहुत बड़ी गलती है। 🤦‍♂️

    👉 आपको हर इन्वेस्टमेंट करने से पहले खुद रिसर्च करनी चाहिए।
    👉 कंपनी की परफॉर्मेंस, मार्केट ट्रेंड और रिस्क फैक्टर को समझना जरूरी है।

    क्योंकि याद रखें —
    "बिना रिसर्च के इन्वेस्टमेंट करना मतलब अंधेरे में तीर चलाना है।" 


    4. ❌ शॉर्ट टर्म में रिटर्न की उम्मीद रखना (Expecting Quick Returns)

    अगर आप सोच रहे हैं कि "आज पैसा लगाया और 6 महीने में डबल हो जाए"  तो भाई, ये सबसे बड़ी गलती है। 

    👉 असली पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन लॉन्ग टर्म गेम होता है।
    👉 आपको कम से कम 5 से 10 साल का नजरिया रखना चाहिए।
    👉 जितना ज्यादा धैर्य रखेंगे, उतना ज्यादा मुनाफा मिलेगा। 


    5. ❌ इमोशन्स के आधार पर इन्वेस्ट करना (Investing Based on Emotions)

    कई बार लोग डर या लालच में आकर गलत फैसले ले लेते हैं।

    • मार्केट गिरा तो डर गए और इन्वेस्टमेंट बेच दिया।
    • मार्केट बढ़ा तो लालच में आकर ज्यादा पैसा लगा दिया।

    👉 यह सबसे बड़ी गलती होती है।
    👉 हमेशा अपने पोर्टफोलियो को लॉन्ग टर्म विजन से देखें और इमोशन्स से दूर रहें।

    4. एक बैलेंस पोर्टफोलियो कैसा दिखना चाहिए? (How a Balanced Portfolio Looks?)

    अब तक आपने समझ लिया कि पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन क्यों जरूरी है और इसमें क्या गलतियां नहीं करनी चाहिए।
    लेकिन असली सवाल ये है  आखिर एक बैलेंस पोर्टफोलियो दिखता कैसा है? 🤔

    👉 आसान भाषा में समझें तो, बैलेंस पोर्टफोलियो (Balanced Portfolio) मतलब ऐसा इन्वेस्टमेंट प्लान, जहां आपका पैसा सुरक्षित भी रहे और ग्रोथ भी मिले।
    मतलब  कम रिस्क + अच्छा रिटर्न = बैलेंस पोर्टफोलियो 

    चलिए, अब मैं आपको एकदम आसान भाषा में समझाता हूं कि एक बैलेंस पोर्टफोलियो कैसा होना चाहिए:


    ✅  25% पैसा शेयर मार्केट (Stocks) में इन्वेस्ट करें।

    अगर आप लॉन्ग टर्म में अच्छा रिटर्न चाहते हैं, तो आपको अपने पोर्टफोलियो का कम से कम 25% हिस्सा शेयर मार्केट (Stock Market) में लगाना चाहिए।

    • ✔ इसमें आप Blue Chip Stocks (जैसे: TCS, Infosys, Reliance, HDFC Bank) को चुन सकते हैं।
    • ✔ इन कंपनियों में निवेश करने से आपको अच्छा रिटर्न मिलेगा।

    👉 हां, थोड़ा रिस्क रहेगा लेकिन लॉन्ग टर्म में रिटर्न शानदार मिलेगा। 


    ✅  30% पैसा म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में लगाएं।

    अगर आप रिस्क कम करना चाहते हैं लेकिन फिर भी शेयर मार्केट से फायदा उठाना चाहते हैं, तो म्यूचुअल फंड एक बेहतरीन ऑप्शन है।

    • Equity Mutual Funds आपको अच्छी ग्रोथ देंगे।
    • Debt Mutual Funds आपके पैसे को सुरक्षित रखेंगे।
    • ✔ और Hybrid Mutual Funds दोनों का बैलेंस बनाए रखेंगे।

    👉 इससे आपको रिस्क भी कम रहेगा और ग्रोथ भी मिलेगी। 


    ✅  20% पैसा गोल्ड (Gold) में इन्वेस्ट करें।

    भाई, चाहे मार्केट कितना भी गिर जाए, गोल्ड (Gold) हमेशा आपकी इन्वेस्टमेंट को सुरक्षित रखेगा।

    • ✔ जब शेयर मार्केट गिरेगा, तो गोल्ड की कीमत बढ़ेगी।
    • ✔ गोल्ड एक ऐसा एसेट है जो कभी पूरी तरह से फेल नहीं होता।

    👉 इसलिए, अपने पोर्टफोलियो का कम से कम 20% हिस्सा गोल्ड में जरूर लगाएं। 


    ✅  15% पैसा Fixed Deposit (FD) या Bond में लगाएं।

    अगर आप चाहते हैं कि कुछ पैसा बिल्कुल सुरक्षित (Zero Risk) रहे, तो उसे Fixed Deposit (FD) या Bonds में लगाएं।

    • ✔ इससे आपको हर साल फिक्स्ड इंटरेस्ट मिलेगा।
    • ✔ और आपका पैसा 100% सुरक्षित रहेगा।

    👉 यह आपके पोर्टफोलियो में स्टेबिलिटी बनाए रखेगा। 


    ✅  10% पैसा Real Estate या Crypto में लगाएं।

    अगर आपके पास थोड़ा एक्स्ट्रा पैसा है, तो उसे Real Estate (Property) या Cryptocurrency (Bitcoin, Ethereum) में इन्वेस्ट कर सकते हैं।

    • ✔ रियल एस्टेट लॉन्ग टर्म में जबरदस्त रिटर्न देता है।
    • ✔ और क्रिप्टोकरेंसी भविष्य की टेक्नोलॉजी है, जहां बड़ा मुनाफा मिल सकता है।

    👉 हां, इसमें थोड़ा रिस्क जरूर रहेगा, लेकिन अगर आप लॉन्ग टर्म सोचेंगे तो फायदा जबरदस्त होगा। 

    💡 तो एक बैलेंस पोर्टफोलियो ऐसा दिखना चाहिए:





    Asset Class % Allocation क्यों इन्वेस्ट करें?
    Stocks 25% ज्यादा ग्रोथ के लिए।
    Mutual Funds 30% बैलेंस ग्रोथ और रिस्क के लिए।
    Gold 20% मुश्किल समय में सुरक्षा के लिए।
    FD/Bonds 15% पूरी तरह से सुरक्षित पैसा।
    Real Estate/Crypto 10% लॉन्ग टर्म ग्रोथ के लिए।
    👉 अगर शेयर मार्केट गिर भी जाए, तो गोल्ड और FD आपके नुकसान को बैलेंस करेंगे।
    👉 अगर मार्केट तेजी से बढ़े, तो Stocks और Mutual Funds आपको शानदार रिटर्न देंगे।
    👉 और अगर लॉन्ग टर्म में प्रॉपर्टी या क्रिप्टो अच्छा परफॉर्म करे, तो आप अमीर बन सकते हैं।

    अगर आप चाहो तो निचे दिए गए (पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन कैलकुलेटर) का यूज़ कर सकते हो और देख सकते हो अपना वर्चुअल डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो:
    Portfolio Diversification Calculator

    💸 Portfolio Diversification Calculator 💸

    अपना कुल निवेश राशि दर्ज करें:

    📊 50% Stocks:0
    💰 20% Mutual Funds:0
    💎 15% Gold:0
    🏠 10% Real Estate:0
    🌐 5% Crypto:0

    More Information Also Visit : NSEINDIA

     निष्कर्ष:

    दोस्तों, अगर आप सच में अपने फाइनेंशियल फ्यूचर (Financial Future) को सुरक्षित और मजबूत बनाना चाहते हैं, तो पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन (Portfolio Diversification) से बेहतर और कोई रास्ता नहीं है।

    👉 सोचिए जरा!
    अगर आपने पूरा पैसा सिर्फ शेयर मार्केट में लगा दिया और मार्केट क्रैश हो गया  तो? 😨
    अगर आपने पूरा पैसा सिर्फ गोल्ड में लगा दिया और गोल्ड के दाम गिर गए  तो? 😨
    अगर आपने पूरा पैसा सिर्फ रियल एस्टेट में लगा दिया और प्रॉपर्टी मार्केट डाउन हो गया  तो? 😨

    👉 लेकिन अगर आपने अपने पैसे को बैलेंस तरीके से अलग-अलग जगहों (Stocks, Mutual Funds, Gold, Real Estate, FD, etc.) में लगा रखा है, तो चाहे मार्केट कितना भी गिरे-उठे 
    ✅ आपका पैसा सुरक्षित रहेगा।
    ✅ और आपको अच्छा रिटर्न मिलता रहेगा।

    अगर आपको यह ब्लॉग अच्छा लगा हो, तो इसे अपने दोस्तों और फैमिली के साथ जरूर शेयर करें।
     हो सकता है यह जानकारी उनके फाइनेंशियल फ्यूचर को भी बचा सके।

    अगर आप स्टॉक मार्केट में ट्रेडिंग या इन्वेस्टमेंट करने के लिए अपना ट्रेडिंग अकाउंट खोलना  चाहते हो, तो  निचे दिए हुए लिंक पर क्लिक करे और एकाउंट ओपन करवाए

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    FAQ


    क्या नए निवेशकों के लिए पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन जरूरी है?

    बिल्कुल हां! अगर आप नए निवेशक हैं और आपने अभी-अभी निवेश करना शुरू किया है, तो पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन आपके लिए बहुत जरूरी है। नए निवेशक अक्सर सिर्फ एक जगह (जैसे स्टॉक्स) में पैसा लगाते हैं और बाद में पछताते हैं। लेकिन अगर आप शुरुआत से ही अपना पैसा अलग-अलग जगहों (जैसे: स्टॉक्स, म्यूचुअल फंड, गोल्ड, FD, आदि) में लगाएंगे, तो आपका पैसा ज्यादा सुरक्षित रहेगा और मुनाफा भी अच्छा मिलेगा। इसलिए शुरुआत से ही डायवर्सिफिकेशन पर फोकस करें।

    क्या क्रिप्टोकरेंसी को भी पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहिए?

    देखिए, क्रिप्टोकरेंसी एक हाई-रिस्क, हाई-रिटर्न एसेट है। अगर आप क्रिप्टोकरेंसी को अपने पोर्टफोलियो में शामिल करना चाहते हैं, तो इसे 10% या उससे कम ही रखें। क्रिप्टोकरेंसी से आप रातों-रात करोड़पति बन सकते हैं, लेकिन उतनी ही तेजी से सारा पैसा डूब भी सकता है। इसलिए स्मार्ट इन्वेस्टमेंट करें और क्रिप्टो में सीमित पैसा लगाएं। अगर आप रिस्क लेने के लिए तैयार हैं, तो क्रिप्टोकरेंसी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है। लेकिन ज्यादा लालच मत करें।

    क्या पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन से मैं जल्दी अमीर बन सकता हूं?

    नहीं, बिल्कुल नहीं। पोर्टफोलियो डायवर्सिफिकेशन का मकसद जल्दी अमीर बनाना नहीं है। बल्कि इसका मकसद है ✅ रिस्क को कम करना। ✅ बैलेंस्ड रिटर्न पाना। ✅ और लंबी अवधि में अच्छा मुनाफा कमाना। अगर आप जल्दी अमीर बनने के लिए डायवर्सिफिकेशन कर रहे हैं, तो आपको निराशा हो सकती है। लेकिन अगर आप लंबे समय के लिए इन्वेस्टमेंट कर रहे हैं, तो डायवर्सिफिकेशन से आप अमीर जरूर बन सकते हैं।

    क्या FD (Fixed Deposit) को पोर्टफोलियो में रखना सही है?

    अगर आप 100% सुरक्षित इन्वेस्टमेंट चाहते हैं, तो FD (Fixed Deposit) एक अच्छा विकल्प है। हालांकि FD से रिटर्न बहुत कम मिलता है, लेकिन आपका पैसा पूरी तरह सुरक्षित रहता है। एक बैलेंस पोर्टफोलियो में आपको FD को 10% से 15% तक रखना चाहिए। इससे आपको एक Fixed Income Source मिलेगा और आपका पोर्टफोलियो थोड़ा सुरक्षित रहेगा। लेकिन अगर आप ज्यादा रिटर्न चाहते हैं, तो FD से ज्यादा बेहतर विकल्प Mutual Funds, Stocks, और Gold हो सकते हैं।

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